Thursday, March 23, 2017

एंटी असित एस्क्वाएड टीम...

एंटी असित एस्क्वाएड टीम....

आपकी जिंदगी में कभी न कभी वो दिन जरुर आया होगा जब आपके घर की बहू बेटी बाज़ार या कोचिंग- स्कूल के लिए गई होगी। शाम के चार बजे आने की टाइमिंग थी उसकी। जब साढ़े चार बजे गये थे तब आपको थोड़ी सी परेशानी हुई थी। जब पाँच बज गए थे तब अंदर से एक भयभीत आवाज़ आई होगी- सुनते हैं! एक घंटा लेट हो गया।अभी आई नहीं वो...
आपने निश्चिंतता से कहा होगा - अरे आ जाएगी भाई! ट्रैफिक का हाल जानती ही हो।
और जैसे ही घड़ी की सुईयों ने छह बजाए होंगे। आपने उसके नंबर पर फोन किया होगा और अगर दुर्भाग्य से 'नाॅट रिचॅबल' की आवाज़ आई होगी तो आप लाख अनीश्वरवादी और नास्तिक होकर भी कह उठे होंगे - हे भगवान्! देखना....
क्या हुआ? किससे भयभीत थे आप! आज भी न जमीन इंसानी मांस खाती है न आसमान जिंदा लड़कियों को घोंट जाता है। दिल पर हाथ रख कर कहिएगा फिर किस डर से और क्यों आप "मंगल भवन अमंगल हारी" का जाप कर रहे थे?
इसी डर को दूर करने के लिए सरकार ने एक 'प्रयास' किया है जिसका नाम है 'एंटी रोमियो एस्क्वाएड टीम'।
अगर आपको नाम से आपत्ति है तो सूचित करना चाहूँगा कि शेक्सपियर चचा बहुत पहले ही कह चुके हैं कि नाम में क्या रखा है। तीन दिन हुए एक चाय की दुकान पर मैंने एक खिसियाई हुई आवाज़ सुनी थी - हरे भो... वाले 'रामचनरा' तब से चार बार चाय को कह चुका हूँ...
मैंने मुड़ कर देखा गाली देने वाले वार्ड नंबर तेरह के मेम्बर 'शिवशंकर' प्रसाद जी थे। कहिए तो गाली सुनने वाले 'रामचनरा' और गाली देने वाले 'शिवशंकर' को 'लिंग थापि कर विधिवत पूजा' से लेकर 'शिवद्रोही मम दास कहावा' जैसी दर्जनों सूक्तियों से 'एक ही' सिद्ध कर दूँ? लेकिन नहीं! आप भी जानते हैं कि हर खद्दर पहनने वाला गाँधी नहीं होता और राम का नाम धर लेने से या शिवशंकर का नाम रख लेने से हर आदमी मर्यादा पुरुषोत्तम या नीलकंठ नहीं हो जाता। नाम से बहुत समस्या हो तो 'एंटी असित एस्क्वाएड टीम' रख लीजिएगा। मैं कभी आपत्ति करने नहीं आऊँगा।
अगर इसके दुरुपयोग से भयभीत हैं आप, तो धैर्य रखिए बच्चा हुआ नहीं कि मारने पर तुल गए उसके चोर बनने के डर से? धीरज रखिए जिलाधिकारी बनने की संभावना भी होगी उसमें....
असित कुमार मिश्र
बलिया